कोरोना संक्रमण के बीच बाबा रामदेव ने कहा था कि आयुर्वेद से ही इस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग जीती जा सकती है। बाबा रामदेव की इन्हीं बातों के बीच सोशल मीडिया पर उनकी एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमे कुछ डॉक्टर उनका चेक अप कर रहे है।
वायरल पोस्ट के कैप्शन में बाबा रामदेव की हिपोक्रिसी की बात करते हुए ये कहा गया है कि, बाबा रामदेव खुद तो आयुर्वेदा का प्रचार करते है मगर खुद के इलाज के लिए एलोपैथिक डॉक्टरों पर निर्भर रहते है। “सच मे देश की जनता बहुत भोली है”।
कोरोना वायरस के बीच मौजूदा स्थिति को देखते हुए, इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर 12 हज़ार से भी ज़्यादा बार शेयर किया गया।
योगासन, आयुर्वेद, शुध्ददेसी बोलकर लोगो को मुर्ख बनाने वाले लाला रामदेव एक अग्रेजी डॉक्टर से अपना ईलाज करवाते हुए..सच मे देश की जनता बहुत भोली है ..! 😑
Shriesh Tiwari यांनी वर पोस्ट केले सोमवार, १३ मे, २०१९
फैक्ट चेक –
न्यूज़ मोबाइल ने उपरोक्त पोस्ट की जांच की और पाया कि यह भ्रामक है।
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तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च के माध्यम से सर्च करने पर, हमने पाया कि यह तस्वीर मूल रूप से 08 जून, 2011 को एसोसिएटेड प्रेस (AP) के फोटोग्राफर द्वारा रामदेव की भूख हड़ताल के दौरान ली गयी थी। आपको बता दें कि बाबा रामदेव ने उस वक़्त ये भूख हड़ताल भ्रष्टाचार के खिलाफ की थी।
तस्वीर उस समयक्लिक की गई जब डॉक्टर हरिद्वार में अपनी भूख हड़ताल के पांचवें दिन रामदेव की जाँच कर रहे थे।
इसके बाद, 10 जून, 2011 को, रिपोर्टें बताती हैं कि रामदेव की स्वास्थ्य की स्थिति खराब हो गई और उन्हें उत्तराखंड के हिमालयन इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल ट्रस्ट (HIHT) अस्पताल ले जाया गया।
निष्कर्ष में, उपरोक्त जानकारी यह साबित करती है कि सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर नौ साल पुरानी है और इसे COVID-19 की पृष्ठभूमि में भ्रामक दावों के साथ साझा किया जा रहा है।
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