सोशल मीडिया पर एक पिक्चर शेयर की जा रही है जिसमे एक महिला रोड किनारे रोते हुए देखी जा सकती है और जब वो महिला रो रही है तो उसके सामने भारतीय जवानों को भी खड़ा देखा जा सकता है। फोटो के कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि महिला को कश्मीर में अपने एग्जामिनेशन सेंटर जानें से रोका जा रहा है।
फोटो के कैप्शन में लिखा है – कश्मीर में महिला को अपने एग्जामिनेशन सेंटर जानें से रोका जा रहा है। कश्मीर को मुक्त करो।
One of my #Beloved sister cries 😭 on the road, as she was stopped from proceeding towards her examination centre… #Free_Kashmir… #Stop_Barbarism… #Born_To_Free…
Jamid Ul Islam यांनी वर पोस्ट केले रविवार, १९ जुलै, २०२०
फैक्ट चेक :
न्यूज़ मोबाइल ने जब इस खबर का फैक्ट चेक किया तो पता चला कि ये तस्वीर गलत है और गलत दावों के साथ साझा की जा रही है।
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दरअसल जब हमने तस्वीर को रिवर्स इमेज के माध्यम से सर्च किया तो हमे गेट्टी इमेजेज कि वेबसाइट पर बिलकुल ऐसी ही एक तस्वीर मिली।
कैप्शन के मुताबिक ये पिक्चर 19 नवंबर 2003 को खींची गयी थी।
कैप्शन में लिखा था – श्रीनगर , भारत – 19 नवंबर 2003 की तस्वीर में एक कश्मीरी लड़की रो रही है क्युकीं उसे भारतीय सैनिकों ने एग्जाम सेंटर जानें से रोक दिया। लड़की का घर एक ‘सील्ड’ इलाके में है जहाँ भारतीय सैनिकों और आतंकवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में 1 पुलिसकर्मी और 6 अन्य लोग घायल हो गए है। ये लड़ाई कश्मीर में आर्मी हेडक्वाटर के पास 18 नवंबर को शुरू हुई थी और 19 नवंबर कि शाम को फिरसे मुठभेड़ शुरू हो गयी । विद्रोहियों ने भारतीय सैनिकों पर ग्रेनेड से हमला भी किया जिसने 2 आर्मी के जवान और एक पुलिस वाले को घायल कर दिया।
इसीलिए हम ये दावा कर सकते है कि 17 साल पुरानी तस्वीर को हाल – फिलहाल की तस्वीर बता कर गलत दावों के साथ साझा किया जा रहा है।
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