नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के भगवान् राम और अयोध्या को लेकर विवादित बयान के बाद भारत और नेपाल के राजनैतिक गलियारे में भूचाल आ गया। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से एक खबर आयी जो प्रशासन के लिए सरदर्दी बन गया। दरअसल सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमे विश्व हिन्दू सेना के सदस्यों द्वारा एक नेपाली व्यक्ति के सर मुंडवाने की खबर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि नेपाली व्यक्ति का सर मुंडवाने के बाद उसके सर पर “जय श्री राम” भी लिखा गया।
पोस्ट के कैप्शन में लिखा था : “वाराणसी में सबसे निंदनीय घटना: विश्व हिंदू सेना ने एक नेपाली युवक पर हमला किया, उसका मुंडन कर के जबरन उसके सिर पर ‘जय श्री राम’ लिखा और उस नेपाली व्यक्ति से नेपाल विरोधी नारे लगाने के लिए कहा। हादसा पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र ‘वाराणसी’ का है। संघी इस तरह देश को शर्मसार कर रहे है।
बता दें की इस पोस्ट को 3400 से ज़्यादा बार शेयर किया गया।
ये भी पढ़े : गलत दावों के साथ शेयर हो रही है असम बाढ़ की ये तस्वीर, जानें सच
फैक्ट चेक :
न्यूज़ मोबाइल ने इस खबर का फैक्ट चेक किया और पाया की ये खबर फेक है।
हमने ‘नेपाली नागरिक’, ‘असॉल्टेड’, ‘वाराणसी’, ‘राम’ जैसे कीवर्ड के साथ एक खोज की। इस खोज से हमे कई आर्टिकल मिले जिसमें इसी घटना को इसी दावे के साथ साझा किया गया था।
हालाँकि, और खोजने पर हमे टाइम ऑफ़ इंडिया के एक पत्रकार द्वारा ट्वीट मिला, जिसमें दावा किया गया था क़ी घटना में दिख रहा पीड़ित व्यक्ति नेपाली नागरिक नहीं है। उसका असली नाम धर्मेंद्र सिंह है और उसने ये पूरा नाटक रचने के लिए 1,000 रुपये लिए थे।
His name is Dharmendra Singh and he is not a Nepali. Took 1000 rs to do this stunt in Varanasi. Four arrested, 1 absconding. pic.twitter.com/mZfuOaWVdD
— Raj Shekhar Jha (@rajshekharTOI) July 18, 2020
और जांच करने पर हमे पता चला की वाराणसी पुलिस (@varanasipolice) ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एसएसपी अमित पाठक ने स्पष्ट किया है कि ये घटना फेक है।
इस आदमी ने 1000 रूपए के एवज में इस पूरी घटना को अंजाम दिया था। मारपीट और नेपाली युवक के साथ अत्याचार की ये खबर फेक है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे आपत्तिजनक वीडियो के सम्बन्ध में थाना भेलूपुर पर पंजीकृत मु0अ0सं0 335/2020 धारा 505(2)/295 भादवि व धारा 67 आइटी एक्ट में गिरफ्तार अभियुक्त संतोष पाण्डेय के सम्बन्ध में एसएसपी वाराणसी@amitpathak09की बाईट@Uppolice @dgpup @adgzonevaranasi @IgRangevaranasi pic.twitter.com/2v4rg23B1n
— Varanasi Police (@varanasipolice) July 17, 2020
पाठक ने कहा की युवक का असली नाम धर्मेंद्र सिंह है और ये भारतीय ही है ना की कोई नेपाली मूल का व्यक्ति। ये व्यक्ति यहाँ की कोई लोकल साड़ी शॉप में काम करता है।
इन सभी सबूतों के आधार पर ये दावा किया जा सकता है की वाराणसी में किसी भी नेपाली व्यक्ति के साथ न तो अत्याचार हुआ और ना ही किसी नेपाली मूल के व्यक्ति पर हमला।